याद आता है

                        

याद आता है!

तेरा वो मुस्काना अब भी याद आता है 
आँखों का बिचकाना अब भी याद आता है
तेरी यादें कैसे भूलूँ तूही बता दे मुझको
वो गुस्से में तेरा प्यार जताना याद आता है
         तेरा वो मुस्काना........

सारी रैना जगके कमरे से बाहर भगके
सर्द रात को छत पर जाके कालिंग पे बतियाना 
Whatsapp insta messenger पे 
जी भर के चटियाना अब भी याद आता है 
         तेरा वो मुस्काना.......

हांथो को हांथो में थाम 
पी पी के नयनों से जाम 
बाबू सोना जानू कहके तेरा वो फुसलाना
हांथो का सहलाना अब भी याद आता है
         तेरा वो मुस्काना.......

जय शंकर शिव शम्भू बाबा विश्वनाथ की नगरी में
गंगा जी के घाट पे आना जेठ की भरी दुपहरी में 
आके सीने से लग जाना 
जी भर के वो प्यार जताना याद आता है 
        तेरा वो मुस्काना........

प्यार मोहोब्बत के वो दिन थे
आज नहीं हैं लेकिन कल थे
बाहों में भर के सो जाना याद आता है 
        तेरा वो मुस्काना.......

तेरा मेरा रिश्ता कैसा 
सिप संग मोती का हो जैसा 
जुदा न होना कहके तेरे आँखों का भर जाना 
फिर प्यार से तुझे मनाना अब भी याद आता है 
       तेरा वो मुस्काना अब भी याद आता है 
       आँखों का बिचकाना अब भी याद आता है।।।।
                            
                                 -Shyam Prakash Gupta






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