अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की खास बातें-
दुनिया भर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष में कई सारे थीम रखे जाते हैं (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 का थीम है I am Generation Equality: Realizing Women's Rights ) और महिलाओं को बराबर का हक , दर्जा , सम्मान दिलाने की बात की जाती है। बड़ी अजीब सी बात होती है कि पूरे साल औरतों पर जुल्म करने वाले लोग भी इस दिन महिलाओ को सशक्त करने और उन्हें हक देने दिलाने की बातें करते हैं।
कब से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-
युनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी लेकिन उससे पहले 1909 में ही इसे मनाने की पहल शुरू हो गयी थी। दरअसल, 1909 में अमेरिका में पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया था। वहीं रूसी महिलाओं ने पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया था। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां की थीं।
नारी के अनेक रूप -
नारी के एक नही बल्कि अनेको रूप होते हैं। माँ, बहन, पत्नी, दादी, बेटी, बहू और भी कई। वैसे तो पुरुषों के भी ऐसे कई रूप हैं लेकिन हम दोनों की तुलना नही कर सकते। एक महिला जब से इस धरती पे कदम रखती है तब से लेकर इस दुनिया से जाने तक अपना फर्ज निभाती है। अपने जीवन मे अनेको त्याग करती है।
जिस नारी को आज हम सब इज्जत, सम्मान, बराबरी दिलाने के लिए खड़े हैं, सच तो ये है कि दुनिया ने कोई भी उसकी बराबरी नही कर सकता।
वो आदिशक्ति है
वो जगतजननी है
उसी से संसार है ....
पूरे वर्ष के एक दिन महिला दिवस मनाने से नही बल्कि नारी के लिए अपने मन मे अलग सम्मान रखने से ही हम उसे उसका हक दे सकेंगे ।
जय हिंद!
जय नारी
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